Wednesday, November 13, 2013

उत्तर प्रदेश में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में समाज के सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व की मांग


उत्तर प्रदेश में शीघ्र ही सूचना आयुक्तों की नियुक्तियां होने बाली है l उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर सुनी गयी पीआईएल के आदेश के बाद अब चल रही अवमानना याचिका के बाद सरकार पर ऐसा करने का दवाव भी है l अब सरकार के पास बचने का कोई वहाना भी नहीं है पर शायद अब सबसे बड़ी परेशानी नियुक्ति के बाद छूट गए उन असंतुष्टों की बजह से  है जो सरकार से अब तक आस लगाये बैठे हैं l फिर विपक्ष और राजभवन को संतुष्ट भी तो करना है l इस मकड़जाल में उलझी नियुक्तियां सरकार के लिए गले की हड्डी बनती जा रहे हैं l


यही कवायद 2012 में भी हुई थी l तब सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुनीता चार्ल्स ,सैय्यद हैदर अब्बास रिज़वी ,राजकेश्वर सिंह , शशिकांत शर्मा,गजेन्द्र यादव,मोहम्मद उस्मान, अरविन्द सिंह बिष्ट  और पारस नाथ गुप्ता के नाम अंतिम कर अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेजे थे किन्तु राज्यपाल द्वारा मात्र समाचार पत्रों में प्रकाशित मांसर्वोच्च न्यायालय के निर्णय  के अंशों का संज्ञान लेकर  पत्रावली पर अनुमोदन नहीं दिया था एवं पत्रावली दिनांक 16-09-12 को पुनर्विचार हेतु मुख्यमंत्री को बापस भेज दी थी जिसकी परिणति में पदों को विज्ञापित किया गया  और एक बार पुनः पत्रावली राज्यपाल  के पास पंहुचने बाली है  l सत्ता के गलिआरों में यह चर्चा आम है कि किन्ही नामों पर सहमति होने के कारण राजभवन ने उस समय सहमति नहीं दी और उच्च न्यायालय के निर्णय को ढाल बनाया l अब तो मान्यायालय का निर्णय भी गया है और प्रचुर मात्रा में योग्य अभ्यर्थी भी उपलब्द हैं l ऐसे में सरकार द्वारा स्पस्ट निर्णय लेने में देरी करने से मेरे मन में सरकार की भूमिका के प्रति संदेह उत्पन्न हो रहा है l


मैंने सूबे के राज्यपाल को सम्बोधित एवं मुख्यमंत्री को पृष्ठांकित ज्ञापन के माध्यम से एक बार पुनः उच्च न्यायालय का निर्णय उपलब्ध कराते हुए उन्हें याद दिलाया है कि वे  उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आठ आयुक्तों की नियुक्तियाँ  संवैधानिक व्यवस्थाओं ,सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अध्याय 4 की धारा 15  एवं   मा o सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2013 में प्रतिपादित व्यवस्थाओं के अनुसार समाज के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए  कराने की कृपा करें ताकि समाज के सभी क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति सूचना आयुक्त के पद पर चयनित होकर सूचना के अधिकार की मूल भावना के अनुरूप लोक प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जवावदेही का संवर्धन कर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में अपनी उपादेयता सिद्ध कर सकें और देश के नागरिक भी अवांछनीय उत्पीड़न से बचे रहे  l

भेजे गए ज्ञापन की मेल  निम्नानुसार हैl 


urvashi sharma

<rtimahilamanchup@gmail.com>
Attachment Wed, Nov 13, 2013 at 1:50 PM
To: hgovup <hgovup@nic.in>, hgovup <hgovup@up.nic.in>
Cc: cmup <cmup@nic.in>, cmup <cmup@up.nic.in>
ई मेल द्वारा प्रेषित :

सेवा में,
श्री बी०  एल०  जोशी
महामहिम श्री राज्यपाल -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "hgovup" <hgovup@nic.in>, "hgovup" <hgovup@up.nic.in>,

विषय : उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आठ आयुक्तों की नियुक्तियाँ
समाज के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए संवैधानिक सिद्धांतों ,सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अध्याय 4 की धारा 15  एवं मा o सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2013 में प्रतिपादित व्यवस्थाओं के अनुसार कराने के सम्बन्ध में

महोदय,
कृपया उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी  'उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति ' विषयक विज्ञप्ति दिनांक 14-08-13 एवं संशोधित विज्ञप्ति दिनाक 24-09-13 के सन्दर्भ से अवगत कराना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा शीघ्र ही आठ सूचना आयुक्तों के नामों की सिफारिश कर इन नामों के अनुमोदन हेतु  पत्रावली महोदय को  संदर्भित होने की सम्भावना है
 l

पूर्व में भी दिनांक 23-08-12 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित
समिति द्वारा आठ सूचना आयुक्तों के नामों की सिफारिश कर इन नामों के अनुमोदन हेतु  पत्रावली महोदय को  संदर्भित की गयी थी किन्तु महोदय द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित मां o  सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अंशों के आधार पर पत्रावली पर अनुमोदन नहीं दिया था एवं पत्रावली दिनांक 16-09-12 को पुनर्विचार हेतु मुख्यमंत्री को बापस भेज दी गयी थी जिसकी परिणति में पदों को विज्ञापित किया गया है और एक बार पुनः पत्रावली आपके सम्मुख आने बाली है  l सूचना के अधिकार में मेरे द्वारा प्राप्त की गयी प्रशासनिक सुधार विभाग की पत्रावली संख्या 15/2(3)/2006 TC की नोट शीट्स के 65 पन्नों की स्कैन्ड कॉपी वेबलिंक
http://rti-activist-india.blogspot.in/2013/11/note-sheets-obtained-under-rti-of-file.html
 पर सुलभ सन्दर्भ हेतु उपलब्ध है l

मा o सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका संख्या  210/C/2012 के सम्बन्ध में दायर पुनर्विचार याचिका संख्या 2309/C/2012 एवं 2675/C/2012 को  आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2013 द्वारा अंतिमतः निस्तारित करते हुए सूचना आयुक्तों की नियुक्तियाँ  करने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में कुछ सिद्धांत भी प्रतिपादित किये हैं l

महोदय को अवगत कराना है कि सूचना आयुक्त की नियुक्ति पांच वर्ष के लम्बे समय के लिए होती है और एक गलत नियुक्ति से देश की व्यवस्थाओं को अतुलनीय
क्षति पंहुचती है l मेरा स्पस्ट अभिमत है कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार
द्वारा निहित स्वार्थों में लिप्त होकर एक ही क्षेत्र के अनेकों नितांत
अयोग्य व्यक्तियों को सूचना आयुक्त बनाया गया l यही नहीं पूर्ववर्ती
सरकार द्वारा नियुक्त एवं  वर्तमान में कार्यरत एक मात्र महिला सूचना
आयुक्त न्याय की सामान्य अवधारणा के प्रतिकूल खुले  सुनवाई नहीं करती है ( एक समय में एक ही वादी न्याय कक्ष में बुलाया जाता है )  एवं उनको अधिनियम के प्राविधानों का सामान्य और कामचलाऊ  ज्ञान  आज तक भी नहीं हो पाया है l इस सबका  खामियाजा देश के नागरिक आज तक भुगत  रहे हैं l

मा o सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  याचिका संख्या  210/C/2012 के सम्बन्ध में दायर पुनर्विचार याचिका संख्या 2309/C/2012 एवं 2675/C/2012 के सम्बन्ध में पारित आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2013 की प्रति महोदय के सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न है l आदेश वेव लिंक
http://rti-activist-india.blogspot.in/2013/11/review-petition-c-no2309-of-2012-review.html
पर भी उपलब्ध है l

अतः आपसे अनुरोध है कि  उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आठ आयुक्तों की नियुक्तियाँ  संवैधानिक व्यवस्थाओं ,सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अध्याय 4 की धारा 15  एवं   मा o सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2013 में प्रतिपादित व्यवस्थाओं के अनुसार कराने की कृपा करें
ताकि समाज के सभी क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति सूचना आयुक्त के पद
पर चयनित होकर सूचना के अधिकार की मूल भावना के अनुरूप लोक प्राधिकरणों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं जवावदेही का संवर्धन कर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में अपनी उपादेयता सिद्ध कर सकें और देश के नागरिक भी अवांछनीय उत्पीड़न से बचे रहे  l

प्रतिलिपि  : 1-श्री अखिलेश यादव
मुख्य मंत्री -उत्तर प्रदेश
लखनऊ - उत्तर प्रदेश "cmup" <cmup@nic.in>, "cmup" <cmup@up.nic.in>,

दिनांक : 13-11-13
भवदीया

उर्वशी शर्मा
(सचिव - येश्वर्याज सेवा संस्थान)
F-2286, राजाजीपुरम,लखनऊ- 226017
मोबाइल :9369613513 ई-मेल rtimahilamanchup@gmail.com


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